‘ऑपरेशन दिल्ली पुलिस’ का असर: तीन घंटे में 7 सस्पेंड, मामला CBI के हवाले
आज तक ने मंगलवार को एक स्टिंग ‘ऑपरेशन दिल्ली पुलिस’ दिखाया. इसमें दिखाया गया कि कैसे दिल्ली के पुलिसकर्मी रिश्वत के पैसे से जेबें भर रहे हैं. इस स्टिंग का असर ये हुआ कि खबर चलने के तीन घंटे के अंदर ही 7 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई.
जिन सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है उनके नाम इस प्रकार हैं:
मदनपाल भाटी इंस्पेक्टर – गोविंदपुरी थाना
अनिल कुमार सब इंस्पेक्टर – कल्याणपुरी थाना
दिगंबर सिंह हेड कांस्टेबल – संगम विहार थाना
आर एस नरुका इंस्पेक्टर – पुल प्रहलादपुर थाना
सोहनवीर हेड कांस्टेबल – भलस्वा डेरी थाना
धर्मवीर कांस्टेबल – जैतपुर थाना
गिरराज मीणा हेड कांस्टेबल – ट्रैफिक पुलिस.
आज तक पर रात आठ बजे से ‘ऑपरेशन दिल्ली पुलिस’ शुरू हुआ. इसमें दिल्ली पुलिस के घूसखोर कर्मचारियों और अधिकारियों को एक-एक करके बेनकाब करना शुरू किया गया. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मामले में तुरंत संज्ञान लिया और एंटी करप्शन ब्रांच को जांच के निर्देश दे दिए और कह दिया कि बुधवार सुबह घूसखोरों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
अरविंद केजरीवाल ने इस स्टिंग के लिए आज तक का धन्यवाद करते हुए कहा कि किसी भी घूसखोर को बख्शा नहीं जाएगा. आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने ट्वीट करके दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा.
ऑपरेशन अभी टीवी पर दिखाया ही जा रहा था कि दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत फोन लाइन पर आए. राजन भगत ने भी इस स्टिंग के लिए आज तक का शुक्रिया किया और कहा कि सभी घूसखोरों को सस्पेंड करके इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाएगा. राजन भगत ने लोगों से अपील की कि इस तरह के घूसखोर लोगों को सामने लाएं और दिल्ली पुलिस को साफ बनाने में मदद करें.
आज तक पर दागदार वर्दी वालों को लेकर खुलासे जारी थे. अभी रात के 11 नहीं बजे थे कि दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एक बार फिर फोन-लाइन से जुड़े. उन्होंने बताया कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. राजन भगत ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने स्टिंग देखते ही घूसखोरों को सस्पेंड करके मामला दर्ज कर लिया था. इसके बाद मामले की ‘फ्री एंड फेयर’ जांच कराने के लिए गृहमंत्रालय से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई. गृहमंत्रालय ने रात को ही तुरंत दिल्ली सरकार की मांग स्वीकार कर ली.
ऐसा पहले तो कभी न हुआ था
यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें पुलिस ने इतनी तेजी दिखाई हो. आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि तीन घंटों से भी कम समय में मामला दर्ज करके उसकी सीबीआई जांच की मांग की गई हो और न ही कभी ऐसा हुआ कि पुलिस की मांग पर गृहमंत्रालय ने तुरंत सीबीआई जांच कराने को हामी भर दी हो.
दिल्ली सरकार को ओवरलैप करने के लिए ऐसा किया?
चूंकि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई को इस मामले में जांच के लिए पहले ही निर्देश दे चुके थे, तो कहा ये भी जा रहा है कि इसी जांच से बचने के लिए आनन-फानन में मामला सीबीआई के हवाले कर दिया गया. दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि केंद्र सरकार ने इस मामले को सीबीआई को इसलिए ही सौंपा है, ताकि ये दिल्ली सरकार की जांच के दायरे से बाहर हो जाए. मनीष ने सीबीआई पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि सीबीआई अपनी उस छवि से उलट काम करेगी, जिसके लिए वह मशहूर है.
इसी मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई?
मनीष सिसोदिया ने सवाल किया कि दिल्ली पुलिस ने इसी मामले में इतनी तेजी दिखाई है, जो कि सही भी है. लेकिन बाकी मामलों का क्या? सिसोदिया ने पूछा-
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